Government Takes Action to Ensure Pulse Availability and Prevent Hoarding
These proactive steps are being taken by the Indian government to ensure a smooth supply of pulses for consumers and prevent any potential market manipulation.
उपभोक्ताओं के लिए दालों की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने और किसी भी संभावित बाजार हेरफेर को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा ये सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं।
Government Cracks Down on Forward Trading
Secretary Nidhi Khare of the Department of Consumer Affairs emphasized strict action against anyone indulging in “forward trading” of pulses during meetings with industry representatives. Forward trading involves buying commodities at a lower price and storing them in anticipation of future price hikes, creating artificial shortages and driving up consumer prices. The government has warned that those found engaging in such activities will be dealt with firmly under the provisions of the Essential Commodities Act.
उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान दालों के “फॉरवर्ड ट्रेडिंग” में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई पर जोर दिया। फॉरवर्ड ट्रेडिंग में कम कीमत पर वस्तुओं को खरीदना और भविष्य में कीमतों में बढ़ोतरी की प्रत्याशा में उनका भंडारण करना, कृत्रिम कमी पैदा करना और उपभोक्ता कीमतों को बढ़ाना शामिल है। सरकार ने चेतावनी दी है कि ऐसी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वालों से आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों के तहत सख्ती से निपटा जाएगा।
Collaboration with Myanmar to Streamline Pulse Imports
Secretary Khare also held discussions with the Indian Mission in Yangon, Myanmar, to address concerns related to pulse imports from the country. The discussions focused on import prices in light of recent exchange rate fluctuations and the stock availability with Myanmar-based importers.
Rupee Kyat Settlement Mechanism to Simplify Trade
A key outcome of the discussions was the confirmation of the Rupee Kyat Settlement Mechanism (RKSM) operationalization since January 25th, 2024. This mechanism aims to simplify trade transactions between India and Myanmar and improve efficiency. The RKSM allows for direct payments in Rupees and Kyats (Myanmar currency) through a Special Rupee Vostro Account (SRVA). This eliminates the need for multiple currency conversions and reduces transaction costs associated with exchange rates.
चर्चाओं का एक प्रमुख परिणाम 25 जनवरी, 2024 से रुपया क्यात निपटान तंत्र (आरकेएसएम) के संचालन की पुष्टि करना था। इस तंत्र का उद्देश्य भारत और म्यांमार के बीच व्यापार लेनदेन को सरल बनाना और दक्षता में सुधार करना है। आरकेएसएम एक विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) के माध्यम से रुपये और क्याट्स (म्यांमार मुद्रा) में सीधे भुगतान की अनुमति देता है। इससे कई मुद्रा रूपांतरणों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है और विनिमय दरों से जुड़ी लेनदेन लागत कम हो जाती है।
Pulse Stock Monitoring and Transparency
The Department of Consumer Affairs has mandated the online declaration of pulse stocks by importers, millers, stockists, and retailers. This includes imported Yellow Peas. Starting from April 15th, 2024, all stakeholders are required to submit weekly stock disclosures on the designated portal: https://fcainfoweb.nic.in/psp/.
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने आयातकों, मिल मालिकों, स्टॉकिस्टों और खुदरा विक्रेताओं द्वारा दाल स्टॉक की ऑनलाइन घोषणा को अनिवार्य कर दिया है। इसमें आयातित पीली मटर भी शामिल है। 15 अप्रैल, 2024 से, सभी हितधारकों को नामित पोर्टल: https://fcainfoweb.nic.in/psp/ पर साप्ताहिक स्टॉक प्रकटीकरण प्रस्तुत करना आवश्यक है।
Enforcement and Verification
State and Union Territory (UT) governments have been directed to enforce this weekly stock disclosure requirement across all pulse-holding entities. Additionally, they are tasked with verifying the declared stock levels. Warehouses located in major ports and pulse industry hubs will be subject to regular inspections to ensure accurate stock reporting. Stringent action will be taken against entities found submitting false information on the stock disclosure portal.
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) सरकारों को सभी पल्स-होल्डिंग संस्थाओं में इस साप्ताहिक स्टॉक प्रकटीकरण आवश्यकता को लागू करने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें घोषित स्टॉक स्तरों को सत्यापित करने का काम सौंपा गया है। सटीक स्टॉक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख बंदरगाहों और दाल उद्योग केंद्रों में स्थित गोदामों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल पर गलत जानकारी प्रस्तुत करने वाली संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Conclusion
These measures by the Department of Consumer Affairs demonstrate the government’s commitment to maintaining pulse availability and preventing market manipulation. By promoting transparency through online stock monitoring and cracking down on unfair practices, the government aims to ensure a stable and affordable supply of pulses for Indian consumers.
उपभोक्ता मामलों के विभाग के ये उपाय दाल की उपलब्धता बनाए रखने और बाजार में हेरफेर को रोकने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। ऑनलाइन स्टॉक निगरानी के माध्यम से पारदर्शिता को बढ़ावा देने और अनुचित प्रथाओं पर नकेल कसने से, सरकार का लक्ष्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए दालों की एक स्थिर और सस्ती आपूर्ति सुनिश्चित करना है।